अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर वन विभाग के दावे हो रहे हवा हवाई।
खुलेआम प्रतिबंधित पहाडियों से चल रहा अवैध खनन का खेल।
वन संपदा की नही हो पा रही है सुरक्षा।
वन विभाग के कार्यालय के बाहर से ही खुलेआम ट्रैक्टर से ढोये जा रहे है अवैध तरीका से बोल्डर।
सुत्रो के अनुसार अवैध खनन के खेल मे स्थानीय प्रशासन व वन विभाग को पहुंच जाती है बंधी बंधाई मोटी रकम।
स्थानीय प्रशासन व वन विभाग के संरक्षण मे ही फल फुल रहा है अवैध खनन का धंधा।

चन्दौली चकिया/ शिकारगंज” प्रशासन की मिली भगत से फल-फूल रहा अवैध खनन

न्यायालय व जिलाधिकारी की सख्ती के बावजूद अवैध मिट्टी व पत्थर खनन का कारोबार चकिया में जमकर हो रहा है। सुबह से लेकर देर रात तक खनन माफिया द्वारा मिट्टी व पत्थर एक त्रित होकर वाहनों पर लादकर बेचने में कामयाब हो रहे हैं। उधर खनन विभाग व पुलिस की निद्रा टूटने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला शिकारगंज चौकी क्षेत्र के ग्राम गनेशपुर का है जहाँ अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा, लगातार शिकायत व खबरों के प्रकाशन के बाद भी जिम्मेदार कार्यवाही करने के बजाय चुप्पी साधे हैं जिससे समाज मे तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
सूबे की पूर्व की सरकारों में अवैध मिट्टी व पत्थर खनन का कारोबार जनपद में जमकर फला फूला था। इसके चलते न सिर्फ धरती का सीना दहल उठा था, बल्कि उसके आसपास के खेतों की सूरत भी बिगड़ गई थी। इस बीच, मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने अवैध खनन पर रोक लगा दिया था। साथ ही समस्त डीएम को निर्देशित किया कि अवैध कारोबार पर प्रतिबंध लगाए। जिसके बाद डीएम ने अवैध मिट्टी व पत्थर खनन को पूरी तरह से बंद करा दिया था। आरोप है कि इधर, बीच कुछ खनन माफिया रात दिन पहाड़ों पर गुर्गों संग पहुंच कर पहाड़ों पर जेसीबी के माध्यम से खनने के बाद उसे ट्रैक्टर व ट्रक पर लादकर सुरक्षित पहुंचा दे रहे हैं। इस कृत्य से खनन माफिया जहां मालामाल हो रहे हैं। वहीं कोर्ट व डीएम के आदेश की अवहेलना हो रही है। चंन्द्रप्रभा रेंज के शिकारगंज गनेशपुर पहाड़ी का पूरा मामला।