चेहरे की पहचान के बाद ही मिलेगा पुष्टाहार: पहली जुलाई से लागू होगी नई व्यवस्था

ई-केवाईसी और फेस वेरिफिकेशन
अनिवार्य, 30 जून तक विशेष अभियान में होगा सत्यापन कार्य
पत्रकार अभिषेक कुमार की रिपोर्ट
सोनभद्र। पोषण आहार (पुष्टाहार) वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और लाभार्थी-केंद्रित बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब आंगनबाड़ी केंद्रों से पोषाहार उन्हीं लाभार्थियों को दिया जाएगा, जिनका आधार आधारित ई-केवाईसी और फेस वेरिफिकेशन पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से पूर्ण हो चुका होगा। यह नई व्यवस्था आगामी 1 जुलाई से जिलेभर में लागू होगी। रावटसगंज बाल विकास परियोजना की बैठकों में सीडीपीओ सुभाष कुमार मौर्य ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 30 जून तक जिले में विशेष अभियान चलाकर लाभार्थियों का सत्यापन कार्य पूरा किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकत्री पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से लाभार्थियों की ई-केवाईसी और चेहरा प्रमाणीकरण प्रक्रिया को समय पर पूर्ण कराएं।
सीडीपीओ ने स्पष्ट किया कि गर्भवती और धात्री महिलाओं की स्वयं की पहचान और बच्चों के लिए उनके माता, पिता या अभिभावकों का फेस वेरिफिकेशन अनिवार्य है। 16 जून से आंगनबाड़ी केंद्र पुनः खुल रहे हैं, ऐसे में सभी कार्यकत्रियों को तैयारी पूरी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा, तीन से छह वर्ष के बच्चों की उपस्थिति तथा हॉट कुक्ड फूड प्राप्ति की जानकारी भी एक जुलाई से पोषण ट्रैकर ऐप पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। नई व्यवस्था के तहत अब बिना आधार ई-केवाईसी और फेसियल वेरिफिकेशन के टेक होम राशन (टीएचआर) वितरण नहीं होगा।
सीडीपीओ ने बताया कि वितरण प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए ओटीपी आधारित सत्यापन के साथ-साथ फेस वेरिफिकेशन तकनीक को जोड़ा गया है। सभी कार्यकत्रियों को निर्देशित किया गया है कि लाभार्थियों की पहचान प्रक्रिया को समय रहते पूरा करें ताकि 1 जुलाई से सुचारु रूप से वितरण कार्य शुरू हो सके। सरकार की यह पहल पोषाहार वितरण को डिजिटल और लाभार्थी केंद्रित बनाते हुए भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”