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रोजा संस्थान ने स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम उठाते हुए रोज़ा संस्थान ने चाइल्ड राइट्स एंड यू सी।आर.वाई(CRY) के सहयोग से चकिया ब्लॉक की 11 ग्राम पंचायतों के 26 गांवों की पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त की हुयी 26 महिलाओं को “कम्युनिटी हेल्थ मोबिलाइज़र”सी.एच.एम (CHM) के रूप में पुनः प्रशिक्षित किया गया।

पत्रकार प्रशान्त कुमार की रिपोर्ट

चन्दौली शिकारगंज क्षेत्र स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम उठाते हुए रोज़ा संस्थान ने चाइल्ड राइट्स एंड यू सी।आर.वाई(CRY) के सहयोग से चकिया ब्लॉक की 11 ग्राम पंचायतों के 26 गांवों की पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त की हुयी 26 महिलाओं को “कम्युनिटी हेल्थ मोबिलाइज़र”सी.एच.एम (CHM) के रूप में पुनः प्रशिक्षित किया गया।


इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन परियोजना कार्यालय नेवाजगंज चकिया चकिया तहसील के अंतर्गत  में स्वास्थ्य और पोषण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर महिलाओं की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया


इन महिलाओं को अब अपने-अपने गांवों में स्वयंसेवी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में कार्य करना है।


प्रशिक्षण के दौरान रोज़ा संस्थान के कार्यक्रम समन्वयक ऋषभ पांडेय  ने सामुदायिक स्वास्थ्य प्रेरकों की भूमिका, उनके कर्तव्यों एवं संस्थान के उद्देश्य पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन महिलाओं को कुपोषण, मौसमी बीमारियाँ, नवजात शिशु की देखभाल, किशोरियों के पोषण, गर्भावस्था संबंधी देखभाल और मातृ-शिशु स्वास्थ्य जैसे विषयों पर जागरूक किया गया। संस्था की काउंसलर संध्या देवी ने आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाएं, शुद्ध पेयजल का महत्व, तथा किचन गार्डन की उपयोगिता जैसे व्यावहारिक पहलुओं पर भी प्रशिक्षण दिया साथ ही संस्था के कार्यकर्ता रविन्द्र कुमार, पूजा देवी, खैरुन्निषा व सावित्री द्वारा प्रशिक्षण को सफल बनाने में मदद किया गया।
प्रशिक्षण के अंत में सभी महिलाओं को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया, जिससे उन्हें अपने कार्य में और अधिक प्रेरणा और सम्मान प्राप्त हुआ।


इस अवसर पर कौशल्या, मीरा, शीला, गायत्री, सरिता, सरोज, निर्मला, राधिका, सोनी, सलेहा, अर्चना सहित कुल 26 महिलाओं ने सहभागिता की।


रोज़ा संस्थान का यह प्रयास ग्रामीण समुदाय में स्थानीय नेतृत्व को सशक्त करने, महिलाओं को सक्रिय भागीदारी हेतु प्रेरित करने, और स्वास्थ्य सेवाओं को जमीनी स्तर पर पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

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