
भ्रामक खबरों को नहीं किया गया खंडन तो फ़ुकीं जाएंगी…..! जागरण की कॉपियां
चन्दौली चकिया: चकिया जन संघर्ष समिति के संयोजक द्वारा बताया गया की भ्रामक खबरों को नहीं किया गया खंडन तो फ़ुकीं जाएंगी…..! जागरण की कॉपियां बदलते वक्त के साथ-साथ लोकतंत्र के अस्तर गिरते दिख रहा है। और पत्रकारिता के स्तर भी गिरते चले जा रहे है, पूर्व की पत्रकारिता और अब की पत्रकारिता में काफी अंतर देखने को मिल रही है। पूर्व की पत्रकारिता में पत्रकारों की मेहनत और लेखनीय की धार से अपना वर्चस्व जनपद क्षेत्र में बने रहते थे,उन्हें पत्रकार के नाम पर सम्मान भी मिला करते थे। लेकिन वर्तमान समय में जिस हिसाब से पत्रकारिता के स्तर गिरते चले जा रहे है,उसके जिम्मेदार भी पत्रकार ही है। इसका मुख्य कारण है,कि विभिन्न प्रतिष्ठित बैनर के द्वारा पत्रकारों को सैलरी ना मिलने के कारण बेबस व लाचार नजर आते है, शायद यही कारण है,कि चाय पान की दुकान पर खड़े होकर पत्रकारिता धर्म बखूबी निभाते है। चाय और पान की दुकान पर 4/6 पत्रकार आपस में मिलते जुलते है,और खबरों की आदान-प्रदान भी हो जाती है। टीआरपी में अव्वल बने रहने के कारण समाचार पत्र अग्रिम खबर छाप देते है। और खबर छपने के बाद जमकर किरकिरी उनकी व बैनर की होती है। सपा के मुखिया अखिलेश यादव के द्वारा दैनिक जागरण अखबार का बहिष्कार क्यो किये भाजपा पार्टी के नेताओं में दैनिक जागरण की दामन पकड़ लिये जिससे कि जागरण की सरकुलेशन में कोई विशेष गिरावट नही आई।लेकिन दैनिक जागरण समाचार पत्र के शाक पर भी प्रश्न खड़े होने शुरू हो गये है, या फिर यह कहने की दैनिक जागरण अखबार गलत समाचार छाप भी रहे है। यही कारण है कि दैनिक जागरण अखबार के शाक पर बट्टा लगा रखे है। जब मामला पकड़ में आ जाते है, तो समाचार की खंडन किया जाने की बात सामने आने लगती है। कुछ ऐसा ही मामला चंदौली जिले के चकिया क्षेत्र के गांधी पार्क में देखने को मिल रहे है। दरसल जन संघर्ष समिति के सदस्यों ने नगर पंचायत द्वारा के द्वारा जल व गृहकर में किये गये वृद्धि को लेकर अनिश्चित कालीन धरना चल रहे हैं इसी क्रम में जन संघर्ष समिति के सदस्यों के द्वारा छुट्टा पशु को उनके कानों में पकड़ कर बिन बजाते हुये,विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जन संघर्ष समिति के द्वारा अनिश्चित कालीन धरना के आज 28 वे दिन भी धरना दिये गये थे, लेकिन हद तो तब हो गई जब दैनिक जागरण जैसा प्रतिष्ठित न्यूज़पेपर 25 वे दिन धरना समाप्त दिखा दिया। ऐसे में प्रश्न उठने शुरू हो गये है,दैनिक जागरण जैसे विश्वसनीय प्रतिष्ठित अगर इस तरह की झूठी खबर छप रही है तो पाठक कैसे भरोसा करेंगे।