डबल इंजन के सरकार में दलितों के बस्ती में पानी के लिए अनसुनी बने शासन सत्ता के अधिकारी। गुहार लगाने पहुंचे गरीबों के मसीहा आजाद समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष शैलेश कुमार……..!

पत्रकार प्रशान्त कुमार की रिपोर्ट
चंदौली : चकिया तहसील के शहाबगंज ब्लॉक के ग्राम सभा में मल्हार स्थित दलित बस्ती आज भीषण गर्मी के दौर में पानी और बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रही है। प्रशासनिक लापरवाही और समाज में व्याप्त असमानता के कारण यह बस्ती विकास की दौड़ में अब भी पीछे है.गांव के दलित समुदाय के अनुसार, सरकारी हैंडपंप, जो उनके मोहल्ले के बाहर है,

पर प्रभावशाली जातियों का कब्जा है.साथ ही स्वच्छता के अभाव में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत अभियान जैसे सरकारी प्रयासों का प्रभाव इस बस्ती में कहीं नहीं दिखता.सरकारी फाइलों में गांव का नाम विकसित इलाकों की सूची में है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है।ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने होंगे प्रभावशाली जातियों का गैरकानूनी कब्जा हटाकर सभी के लिए पानी की समान उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।,

शौचालय को तुरंत चालू कराना और उसकी नियमित सफाई सुनिश्चित करना अनिवार्य है।, पानी की स्थायी व्यवस्था के लिए पाइपलाइन और टैंकर सेवाओं का विस्तार किया जाए।स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाए, ताकि संक्रमण से बचा जा सकेगांव की इस दुखद स्थिति पर अदम गोंडवी के शब्द सटीक बैठते हैं गांव की स्थिति केवल प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि समाज में व्याप्त गहरी असमानता का भी प्रतिबिंब है।

यह समय है कि सरकारी दावे कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि हर नागरिक तक विकास और समानता के अधिकार पहुंचें. प्रशासन को तुरंत कार्रवाई कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बस्ती के लोग भी एक सम्मानजनक और स्वस्थ जीवन जी सकें।